bawaseer thik karne ka upay

खूनी,बादी,मस्से वाली,पुरानी से पुरानी बवासीर ठीक करने का रामबाण आयुर्वेद की प्राचीन पद्धिति पर आधारित बवासीर का देशी इलाज


बवासीर का देशी इलाज:- दोस्तो आज मैं आपको इस लेख (Artical) में बवासीर (piles) को जड़ से खत्म करने वाला बवासीर का देशी इलाज के बारे में बताऊंगा। जिसमे आपको अपने घर के आस पास पायी जाने वाली एक घास के रस को बवासीर वाली जगह पर लगा कर इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है। यह बवासीर का देशी इलाज बेहद ही आसान है इसमें आपको किसी जटिल प्रक्रिया का सामना नही करना पड़ता है। यह बिल्कुल फ्री है। इसी के साथ मैं आपको बताऊंगा की आपको अगर बवासीर की समस्या अधिक है तो आपको किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए आपको खाने में क्या खाना चाहिए और किन चीजों को खाने से पूर्णता बचना है।


इस आर्टिकल को लिखने से पहले बवासीर का यह देशी इलाज कई लोगो पर टेस्ट किया गया है और इससे बवासीर के हर व्यक्ति को लाभ मिला है। यह उपाय पूरी तरह से आयुर्वेदिक है साथ ही मैं आपको बताऊंगा की बवासीर क्या है, बवासीर कितने प्रकार का होता है, यह क्यो होता है,क्या ऑपरेशन कराने के बाद बवासीर ठीक हो जाता है। और बवासीर का ऑप्रेशन कैसे होता है।  मेरे द्वारा बताया गया उपाय आप आसानी से कर सकते है और इससे आपको 100 प्रतिशत लाभ मिलेगा क्यो की यह बवासीर का देशी इलाज का उपाय पूर्णता आयुर्वेदिक पद्धिति पर आधारित है आप यहाँ पर लिखे हर शब्द को ध्यानपूर्वक पढ़े ताकि भविष्य में आपको फिर कभी बवासीर ना हो। 



बवासीर क्यो होता है(बवासीर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य) :- बवासीर को Piles या Hemorrhoids भी कहा जाता है इसके होने के मुख्य कारण है जैसे- कब्ज की बजह से पेट पूर्ण रूप से साफ ना हो पाना, मल त्याग (Potty) करने में जोर लगाना, एनल सेक्स करना, पुरानी डायरिया, खड़े होकर लम्बे समय तक काम करना, अधिक बजन उठाना है। पाइल्स का एक कारण मोटापा भी है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी कई महिलाओं को पाइल्स की समस्या हो जाती है। बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो बेहद तकलीफ देह होती है। इसमें गुदा (Anus) के अंदर और बाहर तथा मलाशय (Rectum) के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है।


इसकी वजह से गुदा के अन्दर और बाहर, या किसी एक जगह पर मस्से बन जाते हैं। यह मस्से अक्सर मल त्याग (Potty) करते समय बाहर आ जाते है जिससे इंसान को काफी दर्द होता है। दुनिया में लगभग 60 से 70 प्रतिशत लोगो को अपने जीवन मे कभी ना कभी बवासीर की समस्या होती ही है। रोगी को सही समय पर पाइल्स का इलाज (Piles Treatment) कराना बेहद ज़रूरी होता है। समय पर बवासीर का उपचार नहीं कराया गया तो तकलीफ काफी बढ़ जाती है। यह एक अनुवांशिक समस्या भी है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही हो, तो इससे दूसरे व्यक्ति को होने की आशंका रहती है। बहुत पुराना होने पर यह भगन्दर का रूप धारण कर लेता है जिसे फिस्टुला (Fistula) भी कहते हैं। इसमें व्यक्ति को असहाय जलन और दर्द का सामना करना पड़ता है।


बवासीर कितने प्रकार का होता है:- बवासीर मुख्यतः दो प्रकार का होता है खूनी बवासीर, बादी बवासीर इन दोनों में ही मरीज को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है इनमे होने वाली समस्याएं इस प्रकार है।


खूनी बवासीर:- खूनी बवासीर में मरीज को अधिक दर्द नही होता है इसमें मल त्याग करते समय मल के साथ खून आता है जो गुदा द्वार से टपकता है या मल के साथ मिल कर आने लगता है मल त्यागने के बाद मस्से स्वयम अंदर चले जाते है या मरीज को हाथ से उनको अंदर करना पड़ता है इस प्रकार की बवासीर को खूनी बवासीर कहते है।


बादी बवासीर:- बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज और गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्त नही आता है यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली और जलन होती है। शुरुआती समय में यह तकलीफ नहीं देते लेकिन लगातार गलत खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है और सूजन आ जाती है।


इसमें भी असहनीय दर्द होता है और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इस प्रकार की बवासीर को बादि बवासीर बोलते है



क्या ऑपरेशन से बवासीर ठीक हो जाता है:- दोस्तो कई लोगो के मन मे एक सवाल होता है कि क्या वाकई ऑपरेशन के बाद बवासीर की समस्या ठीक हो जाती है। आपने भी अपने जीवन मे कभी ना कभी किसी ना किसी के मुह से सुना ही होगा कि बवासीर का ऑपरेशन कराने के बाद भी मेरी बवासीर की समस्या ठीक नही हुई। तो दोस्तो मैं इसके बारे में आपको बता दु की डॉक्टरों के कहे अनुसार बवासीर का ऑपरेशन करा लेने से बवासीर ठीक तो होता है लेकिन यह पूर्ण रूप से सभी के लिए लाभदायक नही होता है 100 में से 20 लोगो का ही बवासीर ऑपरेशन के बाद ठीक होता है। लेकिन ऑपरेशन के कुछ साल बाद उनको यह समस्या फिर होने लगती है।



बवासीर का ऑपरेशन कैसे होता है:- इस ऑपरेशन के दौरान आपको जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है ताकि आप प्रक्रिया के दौरान सो जाएं और आपको U महसूस न हो उसके बाद पाइल्स को किसी तेज धार उपकरण द्वारा निकाला जाएगा जैसे कैंची, स्केपल्स या फिर लेज़र इसके बाद घाव को सिल कर बंद कर दिया जाएगा। ये टांकें आमतौर पर सात से दस दिनों में ठीक हो जाते हैं। इस प्रक्रिया की सफल होने के 95 प्रतिशत संभावना होती है। अतः आप बवासीर का ऑपरेशन कराने से बचे और उसको दावा द्वारा ही ठीक करने की कोशिश करें।


बवासीर में क्या क्या खाना लाभदायक होता है:- बवासीर की समस्या होने पर आपको फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए दिन में 5 से 6 लीटर तक पानी पीना चाहिए अधिक पानी पीने से आपको बवासीर में तो लाभ मिलेगा ही साथ मे पेट की कई और समस्याओं से भी लाभ मिलेगा इसी के साथ आपको जूस,छाछ,हर्बल चाय,हरि सब्जियां,ताजे फल,खाने चाहिए। बवासीर से पीड़ित मरीज को डॉक्टर साबुत अनाज जैसे कि ओट्स, ब्राउन रस,ओहल बिट आदि को डाइट में शामिल करने का सुझाव देते हैं।


बवासीर के मरीज को कौन से फल खाने चाहिए:-

फलों में आपको केले,सेव,अंगूर,संतरा,अमरूद,पपीता का सेवन कर सकते है क्यो की इसमें मिनरल्स,विटामिन,फाइबर प्रचुत्र मात्रा में पाये जाते है जो बवासीर के लिए लाभदायक है।


बवासीर के मरीज को कौन सी सब्जियां खानी चाहिए:- सब्जियों में आपको हरि और पत्तेदार सब्जियां अधिक खानी चाहिए जैसे- पालक,ब्रोकली,गाजर,खीर,पत्तागोभी,कद्दू,जायफल,करेला, बथूआ,परवल,लौकी, तुरई,मूली के पत्ते,मेथी के साग, टिंडे, सेम का सेवन करना चाहिए इन सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में होते है जो बवासीर के मरीज के लिए लाभदायक है।


बवासीर में छाछ के सेवन के फायदें:- छाछ के सेवन से बवासीर के मरीज को काफी आराम मिलता है आपको इसमें ताजा छाछ का सेवन करना चाहिए याद रहे आप जिस छाछ को पी रहे है वह पैकेट वाला नही होना चाहिए क्यो की इस प्रकार के पैकेट वाले छाछों के अधिक समय तक रखने के लिए कंपनी वाले इसमें कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल करते है अतः आप जो छाछ पी रहे है वह घर का ही होना चाहिए छाछ पीने से शरीर में ठंडक महसूस होती है जिसके कारण उत्तेजित नसें शांत हो जाती है। छाछ शरीर से सूजन और गुदा मार्ग में हुए इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है। साथ ही यह बवासीर के लक्षणों को प्रभावशाली रूप से कम करने में सहयता करता है।


बवासीर में हर्बल चाय के फायदें:- हर्बल चाय बवासीर में बहुत मददगार साबित होती है। हर्बल चाय का सेवन सूजन और मल त्याग के दौरान आने वाले खून को कम करता है। बाजार में कई प्रकार की हर्बल चाय उपलब्ध हैं। आप अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप किसी एक हर्बल चाय का चयन कर सकते हैं।


बवासीर के मरीज को कौन से अनाज का सेवन करना चाहिए:- दोस्तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार बवासीर के मरीज को मुख्यतः गेंहू,जौ,मूंग,मसूर दाल,अरहर दाल,गेंहू के ज्वारे का सेवन करना चाहिए 


बवासीर के मरीज को किन चीजों को नही खाना चाहिए:- दोस्तो बवासीर के मरीज को खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और कुछ चीजों को खाने से बचना चाहिए नही तो यह मरीज के लिए और मुश्किल खड़ी कर सकते है। अगर आप इन चीजों का सेवन समय रहते बंद नही करते है तो आप किसी भी प्रकार का बवासीर का देशी इलाज कराये या कुछ और आपको बवासीर से छुटकारा कभी नही मिल सकता है


बवासीर के मरीज को क्या नही खाना चाहिए:- बवासीर के मरीज को फास्टफूड,चाय,कॉफी,गुटखा,सफेद ब्रैड,तैलिये और मसालेदार चीजे,सिगरेट आदि का सेवन तुरन्त बंद कर देना चाहिए अगर आप इन चीजों का सेवन बंद नही करते है तो आप अपनी बीमारी को और बढ़ा रहे है इन चीजों का सेवन करने के कई नुकसान है जो कुछ इस प्रकार है


बवासीर के मरीज को फास्टफूड क्यो नही खाना चाहिए:- अगर आपके बवासीर की बीमारी है और आप किसी प्रकार के फास्टफूड का सेवन करते है जैसे - मोमोज़,चाउमीन,फ्रिएड राइस,पिज़्ज़ा,रोल आदि तो इन फास्टफूड में उपस्थित ऑयल और कैलोरीज हमारे शरीर पर बुरी तरह इफेक्ट करता है जो लोग अधिक फास्टफूड ला सेवन करते है उनकी याददाश्त कमजोर होने लगती है इनके अधिक सेवन से डायबिटीज,ब्लडप्रेशर,और कैलेस्ट्रोल लेवल बड़ जाता है। फास्ट फूड को खाने से श्वसन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से कई बीमारियां जैसे-अस्थमा, शॉर्टनेस आफ ब्रीद,बवासीर (पाइल्स) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 


बवासीर के मरीज को चाय,कॉफी पीने से होने वाले नुकसान:- अगर किसी व्यक्ति के बवासीर की समस्या हैए उर वह अभी भी नियमित चाय या कॉफी इन दोनों में से किसी एक चीज का सेवन करता है तो इसमें बवासीर की समस्या बढ़ने का चांस और बढ़ जाता है चाय और कॉफी में कैफीन मौजूद होता है जो बवासीर की स्थिति को बिगाड़ने का काम करता है। चाय और कॉफी का सेवन करने सेशरीर मे कॉफी की कमी होती है जिसके कारण पेट मे उपस्थित मल कठोर (सुख) हो जाता है। और फिर व्यक्ति को मल त्याग के दौरान जोर लगाना पड़ता है जिससे दर्द और रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए  बवासीर के मरीज को चाय और कॉफी का सेवन नही करना चाहिए।


बवासीर में सफेद ब्रैड के सेवन से होने वाले नुकसान:- पाचनतंत्र को सफेद ब्रेड को हजम करने में काफी परेशानी होती है। क्यो की यह मैदा का बना होता है साथ ही इसका सेवन करने से कब्ज की संभावना बढ़ जाती है क्यो की इसमें चोकर नही होता है जिससे इसमें फाइबर बिल्कुल नही होता है सफेद ब्रैड में उपस्थित पोटेशियम ब्रोमेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है जो बवासीर के लक्षणों को बदतर बनाने का काम करता है। अगर आप बवासीर के मरीज है और नाश्ते में सफेद ब्रेड खाते हैं तो आपको इसका सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए। सफेद ब्रैड एक रिफाइंड उत्पाद है इसके नियमित सेवन से खून के थक्के बनने लगते हैऔर ह्रदय रोग की समस्या भी होने लगती है।


गुटखा के सेवन से बवासीर के मरीज को होने वाले नुकसान:- गुटखा के सेवन से शरीर मे उपस्थित खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है गुटखा आदि में निकोटिन होता है जो शरीर को बुरी तरह से प्रभावित करता है। अतः बवासीर के मरीज को गुटखे/तम्बकु का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए


तैलीय और मसालेदार चीजें:- तैलीय व मसालेदार खाने में अधिक मात्रा में मसाले जैसे काली मिर्च लाल मिर्च आदि होता है जिससे बवासीर के मरीज को मल त्याग करते समय तीव्र जलन आदि की समस्या होती है इसी के साथ इसमें भारी मात्रा में फैट भी होता है इस प्रकार का भोजन पाचन तंत्र को कमजोर बनाता है जिससे आंतों में सूजन का खतरा भी बढ़ जाता है।


बवासीर का देशी इलाज:- दोस्तो आज मैं आपको बवासीर ठीक करने का एक ऐसा रामबाण उपाय बताने वाला हूँ जो हमने कई लोगो पर टेस्ट किया है यह उपाय हमें हमारे पूर्वजों द्वारा बताया गया था यह उपाय पूर्णतः आयुर्वेदिक है आप इस उपाय को आजमा कर कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। दोस्तो नीचे बानी फ़ोटो पर जो घास दिखाई गई है उसको खट्टी मिट्ठी,चंगोरी या तीन पत्ती आदि बोलते है



यह घास आपको आसानी से घर के आस पास,गमलो में,गार्डन में, पार्क में मिल जाएगी यह कोई आम घास नही है यह एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसकी पहचान यह है कि इसको दाँतो से चबाने पर इसका स्वाद हल्का खट्टा लगता है। यह बवासीर के अलावा त्वचा सम्बंधित आदि कई और बीमारियों में भी इसके जानकरों द्वारा प्रयोग में ली जाती है। आपको इस घास को ढूंढ लेना है और इसको पीस कर चाय वाली चलनी के ऊपर रख के दवा कर इसका रस निकाल कर किसी काँच की शीशी में भर कर किसी ठंडे स्थान पर रख लेना है


और इसको दिन में तीन बार सुबहा,दोपहर,रात को अपने गुदा द्वार या मस्सो पर लगाना है। लगाते समय आपको थोड़ी जलन या मिर्ची जैसा महससू होगा। इस दवा का असर आपको पहले दिन से ही दिखने लगेगा लगभग सात दिन के इस्तेमाल के बाद आपको इसका रिजल्ट पूर्णता देखने को मिल जाएगा। अगर इससे आपको फायदा मिलता है तो आप इसको तब तक लगाये जब तक आपका बवासीर पूर्ण रूप से सही ना हो जाये। और अगर फिर कभी भविष्य में बवासीर होता है तो आप पुनः इसका उपयोग कर सकते है। अगर आप का पहले से कोई इलाज चल रहा है तो आप इस दवा के साथ - साथ उसको जारी रख सकते है

निष्कर्ष:- दोस्तो इस आर्टिकल में हमने आपको बवासीर का एक ऐसा देश इलाज बताया है जसिको करने में कोई पैसे नही लगते है यह बिल्कुल मुफ्त में हो जाता है। हाँ आपको आर्टिकल में जो घास बतायी है उसको ढूढने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है पर यह घास किसी नाले के पास नदी के पास या गार्डन में आसानी से मिल जाती है। अगर इस आर्टिकल को लेकर आपके मन मे कोई भी संदेह हो तब आप हमसे संपर्क कर सकते है हमारा ईमेल एड्रेस वेबसाइट के Contact us के फोल्डर में दिया गया है। साथ ही आपको अगर इस दवा से आराम मिलता है तब आप इसको और कई लोगो के साथ भी शयेर कर सकते है।

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